अनुच्छेद 21-भारतीय संविधान

अनुच्छेद 21-भारतीय संविधान (मूल पाठ):

प्राण और दैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण–

  • किसी व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से विधि द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अनुसार ही वंचित किया जाएगा, अन्यथा नहीं
  • 21क. शिक्षा का अधिकार राज्य, छह वर्ष से चौदह वर्ष तक की आयु वाले सभी बालकों के लिए नःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा देने का ऐसी रीति में, जो राज्य विधि द्वारा, अवधारित करे, उपबंध करेगा ।

व्याख्या -अनुच्छेद 21-भारतीय संविधान:

जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता की सुरक्षा

किसी भी व्यक्ति को कानून द्वारा स्थापित प्रक्रिया के अलावा उसके जीवन या व्यक्तिगत स्वतंत्रता से वंचित नहीं किया जाएगा।

अनुच्छेद 21क: शिक्षा का अधिकार

राज्य छह से चौदह वर्ष की आयु के सभी बच्चों को मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा उस तरीके से प्रदान करेगा जैसा राज्य कानून द्वारा निर्धारित कर सकता है।

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21क के अनुसार, मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा किस प्रकार प्रदान की जाएगी?

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निम्नलिखित में से कौन सा कथन सही है?

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अनुच्छेद 21 के अंतर्गत ‘जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता’ को संरक्षित करने का मुख्य उद्देश्य क्या है?

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अनुच्छेद 21क किस आयु वर्ग के बच्चों के लिए मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा का प्रावधान करता है?

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भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 के अनुसार, व्यक्ति को उसके प्राण या दैहिक स्वतंत्रता से वंचित करने की प्रक्रिया क्या होनी चाहिए?

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