अनुच्छेद 14-भारतीय संविधान

अनुच्छेद 14-भारतीय संविधान (मूल पाठ):

विधि के समक्ष समता -राज्य, भारत के राज्यक्षेत्र में किसी व्यक्ति को विधि के समक्ष समता से या विधियों के समान संरक्षण से वंचित नहीं करेगा ।

व्याख्या -अनुच्छेद 14-भारतीय संविधान:

अनुच्छेद 14 भारत के भीतर सभी व्यक्तियों के लिए कानून के समक्ष समानता और कानूनों की समान सुरक्षा का मौलिक अधिकार स्थापित करता है। इसका मतलब यह है कि हर व्यक्ति, चाहे उनकी पृष्ठभूमि कुछ भी हो, कानून की नजर में समान व्यवहार का हकदार है।

  1. कानून के समक्ष समानता
  • मुख्य सिद्धांत:
    • राज्य किसी भी व्यक्ति को कानून के समक्ष समानता से वंचित नहीं करेगा।
    • इसका मतलब यह है कि प्रत्येक व्यक्ति, उनकी पृष्ठभूमि, स्थिति या स्थिति की परवाह किए बिना, कानून की नजर में समान है।
  1. कानूनों का समान संरक्षण
  • संरक्षण खंड:
    • राज्य भारत के क्षेत्र के भीतर किसी भी व्यक्ति को कानूनों के समान संरक्षण से इनकार नहीं करेगा।
    • यह सुनिश्चित करता है कि व्यक्तियों के साथ न केवल कानून द्वारा समान व्यवहार किया जाता है बल्कि उन्हें अधिनियमित कानूनों से समान सुरक्षा और लाभ भी मिलता है।
  1. भारत के क्षेत्र के भीतर
  • दायरा:
    • कानून के समक्ष समानता और कानूनों के समान संरक्षण के प्रावधान भारत के संपूर्ण क्षेत्र में लागू हैं।
    • यह इन सिद्धांतों की राष्ट्रव्यापी प्रयोज्यता को रेखांकित करता है, जिससे पूरे देश में कानूनी उपचार में एकरूपता सुनिश्चित होती है।

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