अनुच्छेद 19

अनुच्छेद 19-भारतीय संविधान (मूल पाठ):

वाक्-स्वातंत्र्य आदि विषयक कुछ अधिकारों का संरक्षण

  • (1) सभी नागरिकों को-
    • (क) वाक्- स्वातंत्र्य और अभिव्यक्ति स्वातंत्र्य का,
    • (ख) शांतिपूर्वक और निरायुध सम्मेलन का,
    • (ग) संगम या संघ 2 [ या सहकारी सोसाइटी ] बनाने का,
    • (घ) भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का,
    • (ङ) भारत के राज्यक्षेत्र के किसी भाग में निवास करने और बस जाने का,
    • (च) संविधान (चवालीसवां संशोधन) अधिनियम, 1978 की धारा 2 द्वारा (20-6-1979 से) लोप किया गया ।
    • (छ) कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारबार करने का,अधिकार होगा ।
  • ( 2 ) खंड (1) के उपखंड (क) की कोई बात उक्त उपखंड द्वारा दिए गए अधिकार के प्रयोग पर 4[भारत की प्रभुता और अखंडता,] राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों, लोक व्यवस्था, शिष्टाचार या सदाचार के हितों में अथवा न्यायालय अवमान, मानहानि या अपराध – उद्दीपन के संबंध में युक्तियुक्त निर्बंधन जहां तक कोई विद्यमान विधि अधिरोपित करती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या वैसे निर्बंधन अधिरोपित करने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी |
  • (3) उक्त खंड के उपखंड (ख) की कोई बात उक्त उपखंड द्वारा दिए गए अधिकार के प्रयोग पर 1 [भारत की प्रभुता और अखंडता या] लोक व्यवस्था के हितों में युक्तियुक्त निर्बन्धन जहां तक कोई विद्यमान विधि अधिरोपित करती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या वैसे निर्बन्धन अधिरोपित करने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी ।
  • (4) उक्त खंड के उपखंड (ग) की कोई बात उक्त उपखंड द्वारा दिए गए अधिकार के प्रयोग पर 1[भारत की प्रभुता और अखंडता या लोक व्यवस्था या सदाचार के हितों में युक्तियुक्त निर्बन्धन जहां तक कोई विद्यमान विधि अधिरोपित करती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या वैसे निर्बन्धन अधिरोपित करने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी ।
  • (5) उक्त खंड के ‘ [ उपखंड (घ) और उपखंड (ङ)] की कोई बात उक्त उपखंडों द्वारा दिए गए अधिकारों के प्रयोग पर साधारण जनता के हितों में या किसी अनुसूचित जनजाति के हितों के संरक्षण के लिए युक्तियुक्त निर्बन्धन जहां तक कोई विद्यमान विधि अधिरोपित करती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या वैसे निर्बन्धन अधिरोपित करने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी ।
  • (6) उक्त खंड के उपखंड (छ) की कोई बात उक्त उपखंड द्वारा दिए गए अधिकार के प्रयोग पर साधारण जनता के हितों में युक्तियुक्त निर्बन्धन जहां तक कोई विद्यमान विधि अधिरोपित करती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या वैसे निर्बन्धन अधिरोपित करने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी और विशिष्टतया 1 [ उक्त उपखंड की कोई बात
    • (i) कोई वृत्ति, उपजीविका, व्यापार या कारबार करने के लिए आवश्यक वृत्तिक या तकनीकी अर्हताओं से, या
    • (ii) राज्य द्वारा या राज्य के स्वामित्व या नियंत्रण में किसी निगम द्वारा कोई व्यापार, कारबार, उद्योग या सेवा, नागरिकों का पूर्णतः या भागतः अपवर्जन करके या अन्यथा, चलाए जाने से,
  • जहां तक कोई विद्यमान विधि संबंध रखती है वहां तक उसके प्रवर्तन पर प्रभाव नहीं डालेगी या इस प्रकार संबंध रखने वाली कोई विधि बनाने से राज्य को निवारित नहीं करेगी ।

व्याख्या -अनुच्छेद 19-भारतीय संविधान:

1) नागरिकों के अधिकार

सभी नागरिकों को यह अधिकार होगा:

(ए) भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता;

(बी) बिना हथियारों के शांतिपूर्ण सभा;

(सी) संघ या यूनियन या सहकारी समितियां बनाना;

(डी) भारत के पूरे क्षेत्र में स्वतंत्र रूप से घूमें;

(ई) भारत के क्षेत्र के किसी भी हिस्से में निवास करें और बसें;

(छ) कोई भी पेशा अपनाएं, या कोई व्यवसाय, व्यापार या व्यवसाय करें।

2) बोलने और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर सीमाएं

खंड (1)(ए) में कुछ भी मौजूदा कानूनों को प्रभावित नहीं करेगा या राज्य को भारत की संप्रभुता और अखंडता, राज्य की सुरक्षा, विदेशी राज्यों के साथ मैत्रीपूर्ण संबंधों के हित में भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर उचित प्रतिबंध लगाने वाले कानून बनाने से नहीं रोकेगा। सार्वजनिक व्यवस्था, शालीनता, नैतिकता, अदालत की अवमानना, मानहानि, या किसी अपराध के लिए उकसाना।

3) एकत्र होने के अधिकार पर सीमाएँ

भारत की संप्रभुता और अखंडता या सार्वजनिक व्यवस्था के हित में इकट्ठा होने के अधिकार पर उचित प्रतिबंध लगाने वाले मौजूदा कानून या राज्य-निर्मित कानून खंड (1) (बी) से प्रभावित नहीं होंगे।

4) संघ या यूनियन बनाने के अधिकार पर सीमाएँ

भारत की संप्रभुता और अखंडता, सार्वजनिक व्यवस्था या नैतिकता के हित में संघ या यूनियन बनाने के अधिकार पर उचित प्रतिबंध लगाने वाले मौजूदा कानून या राज्य-निर्मित कानून खंड (1) (सी) से प्रभावित नहीं होंगे।

5) स्थानांतरित करने और निवास करने के अधिकारों पर सीमाएं

आम जनता के हितों में या किसी अनुसूचित जनजाति के हितों की सुरक्षा के लिए आने-जाने और निवास करने के अधिकारों पर उचित प्रतिबंध लगाने वाले मौजूदा कानून या राज्य-निर्मित कानून खंड (1) (डी) और (ई) से प्रभावित नहीं होंगे। ).

6) व्यवसाय करने या व्यवसाय जारी रखने के अधिकार पर सीमाएँ

आम जनता के हित में किसी भी पेशे को अपनाने या किसी व्यवसाय, व्यापार या व्यवसाय को करने के अधिकार पर उचित प्रतिबंध लगाने वाले मौजूदा कानून या राज्य-निर्मित कानून खंड (1) (जी) से प्रभावित नहीं होंगे। इसमें किसी भी पेशे का अभ्यास करने या किसी व्यवसाय, व्यापार या व्यवसाय को चलाने के लिए आवश्यक पेशेवर या तकनीकी योग्यता से संबंधित कानून और राज्य या राज्य-नियंत्रित निगमों द्वारा व्यापार, व्यवसाय, उद्योग या सेवा के संचालन से संबंधित कानून शामिल हैं।

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अनुच्छेद 19(2) के अनुसार, किस आधार पर राज्य भाषण और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर युक्तियुक्त निर्बंधन लगा सकता है?

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अनुच्छेद 19(1) के किस उपखंड के तहत भारत के राज्यक्षेत्र में सर्वत्र अबाध संचरण का अधिकार दिया गया है?

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