अनुच्छेद 26-भारतीय संविधान (मूल पाठ):
धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता- लोक व्यवस्था, सदाचार और स्वास्थ्य के अधीन रहते हुए, प्रत्येक धार्मिक संप्रदाय या उसके किसी अनुभाग को-
(क) धार्मिक और पूर्त प्रयोजनों के लिए संस्थाओं की स्थापना और पोषण का,
(ख) अपने धर्म विषयक कार्यों का प्रबंध करने का,
(ग) जंगम और स्थावर संपत्ति के अर्जन और स्वामित्व का, और (घ) ऐसी संपत्ति का विधि के अनुसार प्रशासन करने का,अधिकार होगा ।
व्याख्या -अनुच्छेद 26-भारतीय संविधान:
प्रत्येक धार्मिक समूह को अधिकार है:
- संस्थानों की स्थापना: वे मंदिर, मस्जिद, चर्च या किसी अन्य धार्मिक और धर्मार्थ संगठन जैसे स्थानों की स्थापना और रखरखाव कर सकते हैं।
- धार्मिक मामलों का प्रबंधन: प्रत्येक समूह बाहरी हस्तक्षेप के बिना अपने धार्मिक मामलों को नियंत्रित कर सकता है।
- संपत्ति का स्वामित्व: वे चल (जैसे वाहन या किताबें) और अचल (जैसे भूमि या भवन) संपत्ति दोनों के मालिक हो सकते हैं।
- संपत्ति का प्रशासन: वे देश के कानूनों का पालन करते हुए अपनी संपत्ति का प्रबंधन और उपयोग कर सकते हैं।
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